किस राशि वाले कैसे करें लक्ष्मीपूजन


किस राशि वाले कैसे करें लक्ष्मीपूजन

दीपावली पर नवग्रह और बारह राशियां विशेष रूप से कालरात्रि यानि अमावस्या के दिन विशेष सक्रिय रहतीं हैं। सभी राशियों के लिए उनके ग्रह स्वामी की स्थिति के अनुसार पूजा विधान यहां दिया जा रहा है।



मेष एवं वृश्चिक राशि: इन राशि वालों को जिनकी राशि का स्वामी मंगल है मां भगवती भुवनेश्वरी देवी की आराधना पूजा करना सुख व फलदायक है। दीपावली पर गुलाब एवं कनेर के पुष्पों को तथा बेसन एवं गुड़ से निर्मित मिष्ठान्न से लक्ष्मी पूजन संपन्न करें एवं स्थान-सिद्धि यंत्र स्थापित करें।

वृष एवं तुला: इन राशि वालों को जिनकी राशि स्वामी शुक्र है, मां भगवती मातंगी देवी की आराधना करना शुभ फल प्रद है। दीपावली पर केवड़ा जल, श्वेत पुष्पों से मां लक्ष्मी का पूजन सम्पन्न करें एवं भाग्य-वृद्धि यंत्र स्थापित करें।

मिथुन एवं कन्या: इन राशि वालों को जिनकी राशि का स्वामी बुध है मां भगवती त्रिपुर भैरवी की आराधना शुभफलप्रद है। दीपावली पर खस की सुगंध, केवड़ा एवं गुलाब जल के साथ लक्ष्मी पूजन संपन्न करें एवं स्थान सिद्धि यंत्र स्थापित करें।

कर्क राशि वालों को जिनका राशि स्वामी चंद्र है मां दुर्गा की आराधना शुभफलदायी रहती है। दीपावली पर चमेली के पुष्पों एवं खीर से लक्ष्मी पूजन संपन्न करें एवं दोष निवारण यंत्र स्थापित करें।

सिंह राशि वालों को जिनकी राशि का स्वामी सूर्य है, मां भगवती षोडशी की आराधना करना शुभफलप्रद है । दीपावली पर गुलाब एवं कमल के पुष्पों से लक्ष्मी पूजन संपन्न करें तथा सिद्धियंत्र स्थापित करें।

धनु एवं मीन: इन राशि वालों को जिनकी राशि का स्वामी बृहस्पति है, मां भगवती श्रीबगला देवी की आराधना करना शुभफलप्रद है। दीपावली पर मौगराके पुष्पों से तथा हल्दी, चालव एवं केसर से निर्मित मिष्ठान्न से लक्ष्मी पूजन करें एवं गुरू यंत्र स्थापित करें।

मकर एवं कुंभ: इन राशि वालों को जिनका राशि स्वामी शनि है, मां भगवती काली देवी की पूजा आराधना करना शुभफलप्रद है। दीपावली पर मोगरा, चमेली, रात की रानी के पुष्पों से तथा बादाम के हलुवा से लक्ष्मी पूजन करें। शनि महायंत्र एवं बीसा यंत्र स्थापित करें।

सूची

  • रमा एकादशी - सनातन धर्म में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी रमा एकादशी के नाम से जानी जाती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के दामोदर स्वरूप के पूजन का विधान है। कार्ति...
  • राधा और कृष्ण के विवाह की कथा - श्रीकृष्ण के गुरू गर्गाचार्य जी द्वारा रचित “गर्ग संहिता” में भगवान श्रीकृष्ण और उनकी लीलाओं का सबसे पौराणिक आधार का वर्णन किया गया है। गर्ग संहिता के सोलह...
  • ऋषि पंचमी पर ऋषियों का पूजन अवश्य करें - ऋषि पंचमी पर ऋषियों का पूजन अवश्य करना चाहिए। समाज में जो भी उत्तम प्रचलन, प्रथा-परम्पराएं हैं, उनके प्रेरणा स्रोत ऋषिगण ही हैं। इन्होंने विभिन्न विषयों पर...
  • देवर्षि नारद - नारद मुनि हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्मा के सात मानस पुत्रों में से एक है। उन्होने कठिन तपस्या से ब्रह्मर्षि पद प्राप्त किया है। वे भगवान विष्णु के अन...
  • बोध गया - गया जी गया बिहार के महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थानों में से एक है। यह शहर ख़ासकर हिन्दू तीर्थयात्रियों के लिए काफ़ी मशहूर है। यहाँ का 'विष्णुपद मंदिर' पर्यटकों ...
  • श्रीकृष्ण ने क्यों माना है ध्यान को जरुरी? - श्रीकृष्ण ने क्यों माना है ध्यान को जरुरी? भागवत में भगवान कृष्ण ने ध्यान यानी मेडिटेशन पर अपने गहरे विचार व्यक्त किए हैं। वैसे इन दिनों ध्यान फैशन का व...

1

0